Monday 24 February 2014

विभिन्न राशियों पर कुंभ के सूर्य का प्रभाव

ज्योतिष जगत में सूर्य को आत्मा, राजा, सत्ताधारी, सरकार, ख्याति, शोर्य, प्रतिष्ठा आदि विषयों से संबंधित ग्रह माना जाता हैं। किसी व्यक्ति विशेष की पत्रिका में जब अन्य ग्रहों के साथ-साथ सूर्य उच्च, मित्र या स्वराशिगत हो तो और षडबल में भी बलवान हो तो व्यक्ति को सरकारी सेवा का अवसर प्राप्त होने का अवसर प्राप्त होता हैं यदि ऐसा नही तो स्वयं का व्यवसाय अवस्य करता हुआ मिलेगा। यदि प्राइवेट  नौकरी करनी भी पडे तो ज्यादा समय तक नही करेगा। यदि सुर्य नीच राशि में स्थित हो तो भी व्यक्ति छोटे या बडे स्तर की संस्था में प्रबंध का कार्य करता हुआ मिलेगा। इस मामले में  मामले में मेष व तुला लग्न वालो को वैवाहिक सुख की प्राप्ति नही होती हैं यदि हो तो जल्द ही अलग होने की स्थिती बनने लगती हैं।

ऐसे विद्यार्थी जिनके सूर्य बलवान हो वे एक या दो प्रतियोगी परिक्षओ  में ही सफलता हासिल कर सरकारी नौकरी प्राप्त कर लेते हैं। जबकि कमजोर सूर्य वाल निरंतर प्रयास के बाद भी सफलता से वंचित ही रहते हैं। पत्रिका में स्थित सूर्य के परिणाम कब प्राप्त होगें इसकी पुष्टि ग्रहों की महादशा के साथ-साथ गोचर भी अदा करता हैं। सूर्य का राशि परिवर्तन मकर से तुला में 13 फरवरी को प्रात: 2 बजकर 13 मिनट पर हो रहा हैं। 14 मार्च तक सूर्य इसी राशि में स्थित रहेंगे। कुंभ राशि के स्वामी शनि हैं। शनि को ज्योतिष में भृत, दास, सेवक व न्यायधीश के रूप में जाना जाता हैं। अर्थात राजा (सूर्य) सेवक (शनि) के घर जा रहें हैं। सूर्य के गोचर की यह स्थिती  राजनैतिक उथल पुथल का होना दर्शाती हैं। साथ ही 18 फरवरी को बुध भी वक्री होकर शनि की दूसरी राशि मकर में प्रवेश करेंगें। बुध ग्रह वाणी के कारक हैं जो रानेताओं में तरह तरह की टिप्पणियों मे बढोत्तरी करेगें। इस दौरान सत्ता में अविश्वनीय घटनाक्रम देखने को मिलेगा। जिसे मीडिया भुनाता हुआ दिखाई देगा। सत्तारूढ दलो में टकराव के प्रबल योग हैं। 

आइये जाने प्रत्येक राशि पर सूर्य के गोचर का क्या प्रभाव पडेगा।

1. मेष- मेष राशि से सूर्य लाभ भाव में गोचर करेगें। आपकी महत्वपूर्ण महत्वकांक्षाए पूर्णता की और बढती दिखाई देगी। अनुबंधो और समझौतो में उत्तराद्र्ध गोचर से लाभ प्राप्त होगा। अविवाहितो के विवाह संबंधी मामलो में गति आएगी। प्रेम प्रसंगो से संबंधित मामलो में बढोत्तरी हीगी।

2. वृष- अपाकी राशि से सूर्य का गोचर दशम भाव से हो रहा हैं। पत्रिका का दशम भाव आजिवीका से संबंधित होता हैं। अत: व्यापार से लाभ की मात्रा बढेगी। यदि आप सेवारत हैं तो पद-प्रतिष्ठा बढ सकती हैं। अधिकरी वर्ग आपके किये गए कार्यों से खुश रहेगें। अपने व्यवसाय को बढाने या नवीन व्यापार हेतु धन की पूर्ति ऋण के रूप में प्राप्त होगी। किसी पुराने मित्र या रिश्तेदार से मुलाकात हो सकती हैं।

3. मिथुन- सूर्यदेव आपकी राशि से नवम भाव यानी भाग्य भाव से गोचर करेगें। इस गोचर से माता-पिता को स्वास्थय संबंधी समस्या हो सकती हैं। अधिकारी वर्ग से संबंधित लोगो से मेलजोल लाभप्रद रहेगा। किसी धार्मिक स्थल की यात्रा के योग भी बन सकते हैं। अविवाहितो के विवाह संबंधी मामलो में गति आएगी। पूर्वाद्ध की अपेक्षा उत्तराद्र्ध लाभप्रद रहेगा।
4. कर्क- कर्क राशि से सूर्य का गोचर अष्टम भाव में हो रहा हैं। व्यवसाय में अचानक नुकसान या सकस्या शुरू हो सकती हैं। यदि आप नोकरी करते है तो अधिकारी वर्ग आपके कार्यो से नाखुश रहेगें। यदि आपका प्रमोशन इस दौरान होना है तो निराशा होना पड सकता हैं। भूमि-भवन संबंधित मामलो के गति आएगी। अपने व्यवसाय को बढाने या नवीन व्यापार हेतु धन की पूर्ति ऋण के रूप में प्राप्त होगी। आपकी राशि को शनि पहले ही ढैया लगाकर पीडित कर रहें है। किसी नवीन योजना का क्रियांवयन नवम्बर तक टाले अन्यथा हानि उठानी पड सकती हैं।

5. सिंह- सुर्य आपकी राशि से सप्तम भाव से गोचर करेगें। साझेदारी व्यापार में मतभेद हो सकता हैं। आपका विश्वास साझेदार से उठने लगेंगा। जिसके कारण हानि भी हो सकती हैं। जिवनसाभी से भी मतभेद बढ सकता हैं। घरेलू समस्याओं का हल शांतिपूर्वक निकालें। इस माह जन्म लेने वाले शिशुओं में बालिका की अपेक्षा बालको की संख्या अधिक होगी।

6. कन्या- सूर्य का यह गोचर आपके लिए लाभप्रद रहेगा। कोई लम्बा विवाद जो अदालत या अन्यत्र चल रहा हैं  वह अब अपने पक्ष में होता हुआ दिखाई देगा। एक और जहां शनि की साढेसाती आपकी पैरो पर हैं वही सूर्य राशि से षष्ठम भाव में होगें जो शत्रुओ की पराजय का परिचायक हैं। अर्थ लाभ की प्राप्ति हो सकती हैं। वाहन सावधानी से चलाए दुर्घटना हो सकती हैं।

7. तुला- आपकी राशि तुला से सूर्य गोचरवश पंचम भाव में आऐगें। सूर्य का यह गोचर संतान के कष्ट को दर्शाता हैं। यदि आप नौकरी करते है तो कार्यभार तो बढेगा किन्तु पद नही। यदि आप व्यावसाय करते हैं तो हानि हो सकती हैं। यात्रा में कष्ट हो सकता हैं अत: यात्रा से बचे। प्रेम संबंधो के लिए समय अभी अनुकूल नही हैं।

8. वृश्चिक- आपकी राशि से सूर्य चतुर्थ भाव से गोचर करेगें। पत्रिका का चतुर्थ भाव माता, भूमि-भवन, सुख सुविधओ से संबंधित होता हैं। अत: उपरोक्त मामलो से कष्ट प्राप्त हो सकता हैं। माता को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती हैं। रियलस्टेट में किया गया निवेश हानि दे सकता हैं।

9. धनु- आपकी राशि से सूर्य तृतीय भाव से गोचर करेंगें। तृतीय भाव पराक्रम, Self Confidence  छोटे भाई-बहनों से संबंधित होता हैं। सूर्य के इस गोचर से आप कोई दुस्साहस पूर्ण निर्णय ले सकते हैं जो आगें जाकर हानिकारक हो सकता हैं। भाइयों से सहयोग की आशा करना व्यर्थ हैं। गोचर का उत्तराद्र्ध कार्य के हिसाब से ठीक रहेगा।

10. मकर- सूर्य आपकी राशि मकर से द्वितीय भाव से गोचर करेगें। द्वितीय भाव वाणि, धन, कुटुम्ब से संबंधित होता हैं। सूर्य अग्नितत्व ग्रह हैं जो वायुतत्व राशि मकर में स्थित हैं। आपकी वाणी लागो पर अग्नि के समान प्रहार वाली होगी। अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें अन्यथा भारी नुकसान उठाना पड सकता हैं। कार्यस्थल पर आपके द्वारा किये गए कार्यों की प्रशंसा होगी। Real Estate से संबंधित विषयो से लाभ हो सकता हैं।

11. कुंभ- सूर्य का आपकी राशि कुंभ से गोचर मांसिक तनाव को बढावा देने वाला होगा। कार्यस्थल पर कार्यभार तो बढेगा किन्तु पद नही, परिणामस्वरूप मांसिक अवसाद हो सकता हैं। गोचर के उत्तराद्र्ध मे पद भी बढ सकता हैं। अविवाहितो के विवाह संबंधी मामलो में गति आऐगी। वैवाहिक जिवन में अब मधुरता आने लगेंगी।

12. मीन- प्रत्येक भाव से द्वादश भाव उस भाव का नुकसान करता हैं। आपकी राशि मीन से सूर्य द्वादश भाव से गोचर करेगें। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती हैं। सूर्य का यह गोचर आपके लिए चिंताओ भरा होगा। एक और जहा अर्थ प्रबन्ध की समस्या हो सकती हैं। वही कार्यस्थल पर भी समस्यां उत्पन्न होने लगेगी। यदि आप व्यवसाय करतें हैं तो नवीन आडॅर प्राप्त नही होगें। अधिकारी वर्ग थोडे नाराज से हो चलेगें। कोर्ट कचहरी से संबंधित विषयो में निराशा हाथ लगेंगी। भाग्य भी साथ छोडता हुआ सा महसूस होगा। परन्तु चिंता न करें गोचर का उत्तराद्र्ध लाभप्रद रहेगा। अविवाहितो के संबंध तय होगें।